केवल 10 प्रतिशत निवेशक शेयर बाजार से बहुत बड़ी मात्रा में सम्पत्ति जुटा सकते हैं।

0
(0)

यह 10 प्रतिशत लोग बाकी के 90 प्रतिशत से विपरीत काम करते हैं।

  • वो कभी अफवाह और टिप्स के आधार पर निवेश नहीं करतें।
  • वो पैनी स्टॉक में निवेश नहीं करतें।
  • वो शॉर्ट टर्म और इंट्राडे ट्रेडिंग नहीं करते हैं।
  • वो अपना निवेश धैर्य से करते हैं।
  • वो ऐसी कम्पनियाँ में निवेश करतें हैं जो बुनियादी तौर पे मजबूत हो।

यह 10 प्रतिशत निवेशक संपत्ति जुटाने के लिए ये सब करतें हैं फिर भी वो कभी ऐसी गलतियां कर लेते है जो उनको बहुत बड़ी मात्रा में संपत्ति बनाने से दूर कर देती हैं।

जरा विस्तार से समझते हैं इन गलतियों को

यह लोग अच्छी कम्पनिओं में निवेश करतें है, मगर ऐसी कंपनियों में भी कभी कभी मुश्किलें आ सकती हैं।

जैसे की सत्यम कम्प्यूटर कभी सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी थीं और उनके चेयरमैन बी. रामालिंगम राजु आयटी कंपनियों के पोस्टर बॉय थे, उनका विश्व भरके सीईओ के साथ उठना बैठना रहता था।

यह कंपनी निवेश के लिए बहुत बढ़िया मानी जाती थी, फिर भी निवेशकों ने अपने पैसे गवांए, क्यों? इसका उत्तर है की, बी. रामालिंगम राजू ने 2009 की शेरहोल्डर मिटींग में स्वीकार किया की कंपनी ने घोटाला किया है, और उनका एक बिलियन डॉलर का जो केश रिज़र्व दिखाई देता है, वो गलत है। इसके चलते उनके शेयर की क़ीमतो मे भारी गिरावट हुई और निवेशकों ने 14000 करोड़ गंवाए।

यहाँ सबसे बड़ा सवाल ये हैं की जब सब कुछ सही सही चल रहा था तो इस घोटाले की क्या जरूरत थीं ? इसका एक ही जवाब हैं – अति लोभ।

सत्यम समूह की कंपनी – मायथास (सत्यम के अंग्रजी अक्षरों को उल्टा) इंफ्रास्ट्रक्चर ने हैद्राबाद में जहाँ मेट्रो प्रोजेक्ट आनेवाला था वहीं खुब सारी जमीनें खरीद रक्खी थीं। उनको उम्मीद थीं की इस प्रॉपर्टी के भाव ऊपर जाएंगे मगर उससे उल्टा ही हुआ, 2008 मेँ वहाँ की ज़मीन के दाम 50% गिर गए। इस समय पर सत्यम मायथास इंफ़्रा को 1.6 बिलियन डॉलर में न खरीद पाई क्योंकि शेयर होल्डरों ने इस सौदे को अनुमति नहीं दी। और बी. राजू के पास इस घोटाले को स्वीकार करने के अलावा कोई रास्ता नहीं था।

पुलिस ने बी. राजू को पकड़ा और सत्यम टेक महिंद्रा में मर्ज हो गई। सत्यम अपने आप में एक वर्ल्ड क्लास कंपनी बन सकती थी मगर मैनेजमेंट की लालच के चलते उनका नुकसान हुआ।

ऐसे समय पर कंपनी के मैनेजमेंट की क्वालिटी बहुत मायने रखती है।

और एक उदाहरण रैनबेकसी के सिंघ बंधु है। रैनबेक्सी के पुराने मालिक ऐसे ही खराब मैनेजमेंट का सबसे बड़ा उदाहरण हैं। जिन्होंने एक प्रतिष्ठित कंपनी को दिवालिया घोषित होने पर मजबूर किया।

रैनबेकसी अपनी श्रेणी में एक अनूठी कंपनी थी – एक वर्ल्ड क्लास फार्मा कंपनी। उनका अपना आर एंड डी डिपार्टमेंट था, कंपनी का प्रदर्शन भी अच्छा था। मगर कंपनी के मालिक मालविंदर मोहन सिंघ और शिवेंदर मोहन सिंघ ने फाइनेंसियल सर्विसेज (रेलिगर) और हेल्थ केयर सर्विसेज (फोर्टिस हेल्थ केयर) में डायवर्सीफाय करने का निर्णय लिया।

2008मे उन्होंने रैनबेकसी को जापानी कंपनी दाईइचि सांक्यो को बेच दिया और रेलिगर एवं फोर्टिस में निवेश किया। कुछ ही समय में फोर्टिस देश की प्रमुख हॉस्पिटल चैन बन गई और रेलिगर भी प्रमुख नॉन बैंकिंग फाइनेंसियल कंपनी बन गई।

इधर सिंघ बंधुओ ने अपने आध्यात्मिक गुरु गुरिंदर सिंघ ढिल्लों जो की राधा स्वामी सत्संग के मुखिया थे उनको 2700 करोड़ रुपये दिए, और दूसरी तरफ उन्होंने फोर्टिस हेल्थ केयर के विकास के लिए बहोत बड़ी लोन उठाई।

मुख्य रूप से, वित्तीय कुप्रबंध और आक्रामक विकास के चलते सिंघ बंधुओं की समपत्ति में कटौती हुई। आज दोनों भाईओं पर मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय घोटालों के केस चल रहे हैं।

सरलता से मिलने वाले लोन के चलते लालच बढ़ जाती है, जो डाइवरसिफिकेशन को प्रोत्साहित करता है, मगर जब पूंजी की कमी हो तो ऐसे मामलों में हम बहुत सोचविचार के बाद आगे बढ़ते हैं।

एक और बात पर भी यहाँ गौर करना जरूरी है। यह बात सफल निवेशकों के अहम से जुडी हुई है, जब एक बार आपकी गणना प्रमुख सफलतम निवेशकों में होने लगती हैं, तब आपको ऐसा लगता है की “हमारे निर्णय कभी गलत नहीं हो सकते”, और यहीं अहम् के चलते प्रैक्टिकल निर्णय नहीं ले सकते हैं।

पूरी बात का सार यही है की शेयर बाजार में 90 प्रतिशत लोग पैसे गँवाते हैं और 10 प्रतिशत पैसे कमाते  हैं। और उन 10 प्रतिशत मे से भी केवल 2 प्रतिशत लोग ही बहुत बड़ी मात्रा में संपत्ति बना सकते हैं।

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating 0 / 5. Vote count: 0

No votes so far! Be the first to rate this post.

39b1287e4d9721d2c114d0b36394c1b2bf07553038e9ca46d55e2604ae0e95d1?s=150&d=mp&r=g
+ posts

I’m Archana R. Chettiar, an experienced content creator with
an affinity for writing on personal finance and other financial content. I
love to write on equity investing, retirement, managing money, and more.

Announcing Stock of the Month!

Grab this opportunity now!

Gandhar Oil Refinery (India) Ltd. IPO – Subscription Status,

Allotment & Other Key Dates

Registered Users

10 lac+

Google Rating

4.6

Related Articles

Unlock Stock of the Month

T&C*