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शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स

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चाहे शेयर बाजार हो या बैंक एफडी, हम कहीं भी मुनाफा कमाने के लिए ही पैसा निवेश करते हैं। बैंक एफडी में पैसा निवेश करने पर निश्चित रिटर्न मिलता है, नुकसान की गुंजाइश नहीं होती है। लेकिन, शेयर बाजार में पैसा निवेश करने पर निश्चित रिटर्न नहीं मिलता है। शेयर बाजार में आपके निवेश पर भविष्य में मुनाफा भी मिल सकता है और नुकसान भी हो सकता है। 

शेयर बाजार में नुकसान की आशंका हमेशा बनी रहती है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। कोई भी निवेशक शेयर बाजार में नुकसान की संभावना को पूरी तरह से खत्म नहीं कर सकता है। लेकिन, कुछ सावधानी बरत कर इस नुकसान को जरूर कम कर सकता है।  इस लेख में शेयर बाजार में नुकसान की संभावना को कम करने और मुनाफा बढ़ाने की रणनीति पर नजर डालें। 

शेयर बाजार में नुकसान को कम करने और मुनाफा बढ़ाने के कुछ तरीके

सही शेयर चुनें

शेयर बाजार में हम शेयर बाजार में लिस्ट किसी कंपनी के शेयर में पैसा लगाते हैं। भारतीय शेयर बाजार में करीब छह हजार-सात हजार कंपनियां लिस्ट हैं और कोई जरूरी नहीं है कि सभी कंपनियों के शेयर में पैसा लगाने पर हमें भविष्य में मुनाफा ही मिले। कौन सा शेयर भविष्य में मुनाफा देगा, ये हमें किसी भी शेयर में निवेश करने से पहले सोचना होगा। जो लोग शेयर बाजार से पैसा कमाते हैं, वे फंडामेंटल एनालिसिस, टेक्नीकल एनलिसिस या बाजार धारणा या मार्केट सेंटिमेंट के आधार पर अपने लिए सही शेयर का चुनाव करते हैं। जो लोग फंडामेंटल एनालिसिस, टेक्नीकल एनलिसिस या बाजार धारणा या मार्केट सेंटिमेंट नहीं समझते हैं, वे इस सबके बारे में पहले प्रोफेशनल ट्रेनिंग लेते हैं, तब शेयर बाजार में पैसा लगाना शुरू करते हैं। कुछ निवेशक शेयर मार्केट के एक्सपर्ट की सलाह पर शेयरों की खरीद-बिक्री करते हैं। ऐसा करके आप शेयर बाजार में नुकसान को कम से कम कर सकते हैं। 

शेयर खरीदते समय उसकी सही खरीद कीमत की पहचान:

शेयर बाजार में नुकसान को कम करने के लिए केवल सही शेयर को चुनना ही काफी नहीं है। शेयर बाजार से भविष्य में मुनाफा इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप किसी शेयर को किस कीमत पर खरीद रहे हैं। कई लोग उस समय सही शेयर खरीदते हैं, जब उसकी बाजार कीमत एकदम ऊंचाई पर होती है और जैसे ही वे खरीदते हैं उसमें गिरावट होनी शुरू हो जाती है। तो किसी भी शेयर को खरीदने से पहले पहले ट्रेंड की पुष्टि करना जरूरी है। ब्रेकआउट की पहचान करना सही एंट्री पॉइंट लग सकता है। इसलिए घबराकर फैसला लेने के बजाय पहले ट्रेंड का ठीक से अध्ययन करना जरूरी है। एंट्री पॉइंट तय करते समय दो बातों का ध्यान रखना चाहिए – पहला, कीमतें काफी हद तक स्थिर होनी चाहिए, और दूसरा, यदि ब्रेकआउट असामान्य लगता है, तो आपको कीमतों के सही ढंग से प्रतिबिंबित होने तक इंतजार करना चाहिए।

शेयर की सही बिक्री कीमत यानी निकास बिंदु की पहचान

शेयर बाजार में नुकसान को कम करने के लिए सही शेयर चुनना और उस शेयर को सही कीमत पर खरीदने के साथ साथ ये भी जरूरी है कि उस शेयर को सही कीमत पर बेचा जाए। कहने का मतलब है कि किसी शेयर से भविष्य में कमाने के लिए उस शेयर के लिए सही निकास बिंदु की पहचान करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। घाटे को कम करने या निर्धारित लाभ प्राप्त करने के लिए निकास बिंदुओं की योजना बनाई जाती है। आप किसी भी बिंदु पर स्टॉक से बाहर निकलने के लिए बस एक मार्केट ऑर्डर का उपयोग कर सकते हैं या यदि प्रवृत्ति प्रतिकूल दिशा में बढ़ रही है तो स्टॉप लॉस ऑर्डर सेट कर सकते हैं।

सवाल है कि शेयरों के विक्रय संकेत की पहचान कैसे करें। यह पहचान आपको बताता है कि शेयर  को बेचने का समय आ गया है। बेचने का संकेत एक ऐसी स्थिति या मूल्य स्तर है, जिसके आगे निवेशक को नुकसान हो सकता है। यह किसी भी शेयर के फंडामेंटल और टेक्नीकल एनालिसिस पर आधारित होता है। इसमें कंपनी के वित्तीय विवरण से प्राप्त कई महत्वपूर्ण पैरामीटर शामिल हैं। यह महत्वपूर्ण है कि निवेशक इन संकेतों के प्रति सतर्क रहे और उचित तरीके से कार्य करे। 

स्टॉप लॉस यानी नुकसान रोक रणनीति:

आप कोई भी कारोबार कीजिये, उसमें नुकसान निहित है। लेकिन, शेयर बाजार में निवेश और कारोबार में एक खास अंतर है। किसी भी कारोबार में जहां आप अपने हिसाब से नुकसान नहीं उठा सकते हैं, वहीं शेयर बाजार बाजार में आप अपने हिसाब से नुकसान उठा सकते हैं। स्टॉप लॉस या नुकसान रोको रणनीति शेयर बाजार की खूबसूरती है। इस रणनीति के साथ, आप किसी खास कीमत स्तर पर पहुंचने पर विशिष्ट शेयर को खरीदने या बेचने के लिए स्टॉप लॉस ऑर्डर दे सकते हैं। 

उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि आप कंपनी एबीसी कंपनी का शेयर ₹100 प्रति शेयर पर खरीदते हैं। अपने नुकसान को नियंत्रित करने के लिए, आप ₹98 प्रति शेयर का स्टॉप-लॉस ऑर्डर दर्ज करते हैं। इसलिए, अगर कीमतें ₹98 तक गिर जाती हैं, तो आपके शेयर किसी और नुकसान से बचने के लिए अपने आप बेच दिए जाएंगे। आप ट्रेलिंग स्टॉप लॉस भी सेट कर सकते हैं, जो विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। यदि आप अपने द्वारा अर्जित लाभ को बनाए रखना चाहते हैं। ट्रेलिंग स्टॉप लॉस में, इक्विटी की कीमत बढ़ने पर स्टॉप लॉस का स्तर बढ़ता है।

विविधीकरण और जोखिम कम करने की रणनीति:

शेयरों में निवेश करते समय विविधीकरण और जोखिम कम करने की रणनीति पर काम करना भी महत्वपूर्ण है। अपने निवेश पोर्टफोलियो में विविधता लाने का मतलब आपके पास शामिल समग्र जोखिम को कम करने के लिए विभिन्न निवेशों का मिश्रण है। भले ही किसी एक शेयर में सब कुछ निवेश करना आकर्षक हो, लेकिन यह याद रखना भी जरूरी है कि इससे समय के साथ अधिक नुकसान होने की आशंका रहती है। इसलिए अलग अलग सेक्टर के शेयरों में पैसा लगाना चाहिए। जोखिम कम करने का मतलब है कि आपको निवेश से जुड़े जोखिमों को कम करने के लिए कदम उठाने चाहिए, जैसे कि अपने निवेशों पर नजर रखना और समय-समय पर अपने पोर्टफोलियो को पुनर्संतुलित करना।

निष्कर्ष:

शेयर बाजार में निवेश या ट्रेडिंग करने में नुकसान होना लाज़मी है। लेकिन ऊपर बताई गई रणनीतियों को अपनाकर और बाजार की स्थिति के प्रति सतर्क रहकर आप अपने नुकसान को कुछ हद तक कम कर सकते हैं। शेयर बाजार के हर निवेशक को दुनिया के दिग्गज निवेशक वारेन बफेट का दो नियम याद रखना चाहिए। “नियम नं. 1 कभी पैसे मत खोना और नियम नं. 2 कभी भी नियम नं. 1 नहीं भूलना।”

डिस्क्लेमर- यह लेख जानकारी और जागरूक करने के लिए है। इसे शेयर बाजार में निवेश की सलाह नहीं माने। 

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